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: विश्व ग्लूकोमा सप्ताह- कोरिया में निःशुल्क नेत्र जांच और जागरूकता अभियान जारी

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कोरिया राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अवसर पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्लूकोमा (कांच बिंद/काला मोतियाबिंद) को लेकर जागरूकता और निःशुल्क नेत्र जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला अस्पताल एवं विकासखंड स्तर पर विशेषज्ञों की टीम मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच कर रही है। 9 मार्च से 17 मार्च तक जिले में ग्लूकोमा सप्ताह के तहत 960 मरीजों की आखों की जांच  किया गया, जिसमें 4 ग्लूकोमा के मरीज पाए गए वहीं 8 मरीजों को ग्लोकोमा होने की संभावना है। इसके अलावा मोतियाबिंद 52,  ड्राई आई 11,  रेडनेस 15, वाटरिंग आई 12  व अन्य 114 मरीज आंखों की अलग-अलग परेशानी से पीड़ित हैं।

40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की प्राथमिकता से जांच
विशेषज्ञों के अनुसार, ग्लूकोमा 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक पाया जाता है, खासकर उन व्यक्तियों में जिनके परिवार में पहले से यह बीमारी रही हो। इस रोग के शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, जिससे मरीज को देर से पता चलता है और उपचार में देरी के कारण रोशनी जाने का खतरा बढ़ जाता है।
ग्लूकोमा के प्रमुख लक्षण-आंखों में तेज दर्द और बल्ब के चारों ओर रंगीन गोले दिखना। दृष्टि धीरे-धीरे कम होना या धुंधलापन महसूस होना। चश्मे का नंबर बार-बार बदलना। सिरदर्द, आंखों में भारीपन, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों में अधिक जोखिम होते हैं।
जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क नेत्र जांच, स्क्रीनिंग और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी आंखों की जांच कराएं और समय रहते ग्लूकोमा का इलाज कराएं।
स्वास्थ्य विभाग की विशेषज्ञ टीमें लगातार गांवों और शहरों में नेत्र जांच शिविर आयोजित कर रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी की पहचान कर समय पर उपचार प्राप्त कर सकें। जागरूकता ही बचाव है और समय पर जांच कराने से आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है।

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